Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

सरफिरा लेखक

Inspirational

4  

सरफिरा लेखक

Inspirational

मैं दूल्हा बनूंगा

मैं दूल्हा बनूंगा

2 mins
237


कारगिल युद्ध के समय की बात 

माँ ने फौजी बेटे से कहाँ 

बेटे तेरी शादी करूंगी

बेटा बोला नहीं माँ 

भारत माँ का बुलावा आया है

मुझे जाना है मेरे जाने के बाद माँ ने मुझे बुलाया बेटे आजा तेरे शादी करूंगी


बेटे ने माँ को इस तरह समझाया


माँ बुलाती मुझ को बड़े प्यार दुलार से

मैं खुश हो रहा था इस लाड़ प्यार से


आजा तू घर फिर दूल्हा बनेगा

फिर सज धज कर घोड़ी चढ़ेगा


माँ की बात सुन बेटा सहम रह गया

खेलूँ खून की होली माँ कह गया


चरणों की कसम तेरी मां मैं घोड़ी चढूँगा

चार चार कंधों की अरथी से सजूंगा


मालाओं का शहर तिरंगे की चादर से ढकूंगा

पीछे मेरे बराती होंगे मैं दुल्हा बनूंगा मैं दुल्हा बनूँगा 


बेटे की सुन बात माँ की आँखें भर गई

सोचा था खिलाऊँ पोते को ये बात रह गई


सीने से लगा लोरी सुना मैं खूब खिलाती

जो रोता कभी उस को मैं लाड लड़ाती


(बेटा बोला माँ से रो मत)

बहना से कहना राखी मेरी संभाल ले

छोटे भाई को भी मेरी राखी बांध ले


बचपन से ही तेरी मेरी अलग बात थी

जब पिता डांटते तब होती तू मेरे साथ थी


माँ रो मत गम ना कर मैं दुल्हन लाऊंगा

पीछे मेरे बराती होंगे

ढोल नगाड़े साथी होंगे

माला होंगी घराती होंगे

तिरंगा मैं सर से नीचे तक उठूंगा

मां मैं दूल्हा बनूँगा मैं दुल्हा बनूँगा

(माँ को बेटे का बचपन याद आया)

छोटा था जब तू शरारत करता था

मिट्टी उठाकर हाथ में

भारत माँ का जयकारा करता था


समझी नहीं बचपन को तेरे मेरे कृष्ण कन्या

छोड़ गए तू भी मुझ को 

जैसे छोड़ी यशोदा मईया 

मां घर को सजा ले  

मैं घोड़े में चढूँगा

पीछे मेरे बराती होंगे मैं 

दुल्हा बनूँगा मैं दुल्हा बनूँगा


देख मेरी अरथी पे आंसू ना बहाना

घन घोर तिमिर में तू एक दीप जलाना

छोटे भाई को भी मेरी वर्दी पहनाना

आऊंगा घर तेरे मैं घोड़ी चढूँगा

पीछे मेरे बाराती होंगे मैं दूल्हा बनूँगा


(गीत के रूप में)

तेरी खातिर ही मैं

 माँ भारत माँ का लाल बना

तेरी दुल्हन ना ला सका 

दूल्हा बस एक बार बना


छूकर दुश्मन की गोली मेरे दिल को

धरा पर गिर पड़ा मुट्ठी

 में लिए मिट्टी को


अंत समय में भी याद आई

 मेरी माँ की भारत माता

तेरा लाल आज दुल्हा बन

घोड़ी चढ़कर जाता


है तू मेरी माता मेरी भी माँ की भारत माता

है तू माता मेरी भी माँ की भारत माता

अगले जन्म फिर तेरा लाल बनूंगा

मैं घोड़ी चढूँगा मैं दूल्हा बनूँगा

मैं दूल्हा बनूँगा



Rate this content
Log in