अमृतमोत्सव.
अमृतमोत्सव.
आओ सभी देशवासी मिल के बनायेंगे आधुनिक भारत को महान,
अमृत महोत्सव के उपलक्ष में लेकर संकल्प सभी छेड़ें अभियान।
हजारों साल गुलाम बना रहा भूमि पुत्रों का ये प्यारा वतन,
जयचंदों की फितुरी से वीर भूमि पुत्र कर न सके उसका जतन।
गुलामी की पीड़ा से भूमि पुत्र हुये अस्थिर, बेचैन और हलकान,
धार्मिक षड्यंत्रकारियों ने आक्रांताओं से किया गुप्त संधि-मिलन।
आओ सभी देशवासी....... सभी छेड़ेंगे अभियान।
कभी शिवाजी, तो कभी संभाजी ने संभाली वतन आजादी की कमान,
लेकिन जयचंदों ने सफल नहीं होने दिया वतन आजादी का अभियान।
कई आक्रांताओं ने बारी-बारी से संभाली इस गुलाम देश कमान,
फिर भी भूमि पुत्रों ने छोड़ी नहीं अपनी संस्कृति, विरासत और जुनून।
आओ सभी देशवासी....... सभी छेड़ेंगे अभियान
द्वितीय विश्व महायुद्ध बना हमारे आजादी के लिए वरदान,
सदियों पुराने भूमि पुत्रों के संघर्ष को मिला युद्ध से नया जीवनदान।
संत, महात्मा और युग-पुरुषों का रहा आजादी में सक्रिय योगदान,
अंत में आक्रांताओं को छोड़नी पड़ी गुलाम देश की कमान।
आओ सभी देशवासी....... सभी छेड़ेंगे अभियान
आक्रांताओं ने सोचे-समझे किया अखंड भारत को खंड-खंड में विभाजन,
भाषा, मजहब, संप्रदाय के विवाद बने हैं आज झगड़े के नये मैदान।
बाँटो और राज करो का दिया अपने वारिसों को जाते-जाते वरदान,
आजादी देश में भी उत्तराधिकारियों ने किया भूमि पुत्रों के सपनों का दहन।
आओ सभी देशवासी....... सभी छेड़ेंगे अभियान
भूमि पुत्रों का फिर भी रहा, कृषि ,विज्ञान, प्रोद्दोगिकी, सुरक्षा में योगदान,
धर्मनिर्पेक्षता, बंधुत्वता, समता, न्याय ,सहिष्णुता बनी रही हमारी पहचान।
अमृत महोत्सव के आगे भी दिखे अखंडता ,एकता, सार्वभौम देश की पहचान,
भूमि पुत्रों के लिए हर हाल में आबादित रहे वतन और बाबा का संविधान।
आओ सभी देशवासी....... सभी छेड़ेंगे अभियान।
अच्छी शिक्षा, स्वास्थ्य, न्याय, समता के लिए जिम्मेदार बना रहे शासन,
इक्कीसवीं सदी के विश्व महानायक की हो हमारी दुनिया में शान।
आओ सभी देशवासी मिल के बनायेंगे आधुनिक भारत को महान,
अमृत महोत्सव के उपलक्ष में लेकर संकल्प सभी छेड़ेंगे अभियान।