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Sunita Shukla

Abstract Inspirational

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Sunita Shukla

Abstract Inspirational

धरती पर भगवान

धरती पर भगवान

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ये जो डाॅक्टर और नर्स होते हैं

क्यों ये इंसान से नहीं दिखते हैं

ये ऐसा क्या खाते हैं जो हर पल

अनजानों के लिये खतरे उठाते हैं

चेहरे पर नहीं एक भी शिकन

जरूरत पर खड़े हो जाते हैं

एक मीठी सी लिये मुस्कान

बिल्कुल भगवान नजर आते हैं।

जब हर तरफ फैली महामारी है

हम सभी बंद अपने घरों में

परिवार के साथ सुख-दुःख बाँटते हैं

ये किसी बीमार की जिन्दगी बचाते हैं

क्या इन्हे डर नहीं सताता है

कहीं ये भी न गिरफ्त में आ जाएं

शायद नहीं तभी तो खुद संक्रमित होकर भी

दूसरों का इलाज किया जाते हैं।

मानव सेवा का मन में लिये प्रण

कर रहें सभी के दुख हरण

जितनी गाएं महिमा तुम्हारी कम है

हे श्वेतवस्त्र धारी तुम धन्य हो !


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