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Reena Ughreja

Inspirational

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Reena Ughreja

Inspirational

धरती बनी कूड़ेदान

धरती बनी कूड़ेदान

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धरती बनी कूड़ेदान,

ज़रा इधर भी दो थोड़ा ध्यान।

कैसे बनी ऐसी हालत,

लगाओ अपना उस पर भी ज्ञान।


इधर कचरा, उधर कचरा,

पैर रखना हो गया मुश्किल।

चारों और शोर है मच रहा,

कौन करेगा, कोई है इसके काबिल?


कैसा बन गया है इंसान?

नहीं बुझती प्यास भरी लालच।

बचा लो यह प्यारा जहान,

जो बहुत है अनमोल और अनयच।


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