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Reena Ughreja

Abstract

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Reena Ughreja

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मैं बनूँ अनोखा

मैं बनूँ अनोखा

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माँ कहती है,

दुनिया में आये हो तो,

अपना नज़रिया बदलो,

सोच बदलो।


एड़ी मत रगड़ो,

दिमाग लगाओ।

यदि झुंड में खड़े हो,

तो उसका सेनापति कहलाओ।


पीढ़ी आती है,पीढ़ी जाती है,

लिखो अपनी कहानी खुद।

जन्म तो सभी लेते है,

तू भी अपने पंख फैला के उड़।


ऊपर तु इतना उड़,

की धरती पर उसके निशान रहे।

मंज़िल से तू ऐसे जुड़,

हर इंसान तुजे सलाम करे।


माँ कहती है,

दुनिया में आये हो तो,

अपना नज़रिया बदलो,

सोच बदलो।


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