साथी हाथ बढ़ाना
साथी हाथ बढ़ाना
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किसी सुबह जब उजाला ना हो,
आवाज़ देना हमें।
पास कोई जब तुम्हारे ना हो,
बुला लेना हमें।
साया हैं हम तुम्हारे,
रखना संग हमें।
निभाना चाहते हैं हम भी दोस्ती
एक मौका देना हमें।
मर जायेंगे मिट जायेंगे,
चाहे हो जाये टूट।
हर मुश्किल तुम्हारी सुलझाए,
हो कर एक जुट।
समय ले जब हमारी परीक्षा,
होंगे खड़े हम तुम्हारे साथ।
बदले में देना दोस्ती की दीक्षा,
लो आगे किया हमने अपना हाथ।