आज़ाद तितली
आज़ाद तितली
ख्वाइश है मैं बनूं एक तितली,
रंग - बिरंगी पंखोंवाली।
इधर चली मैं उधर चली,
घूमूं मैं हर डाली - डाली।
कोई मुझे न रोक सके,
बंधन में न बांध सके।
उड़ान मैं ऐसी भरूँ
झट से मैं आसमान छू लूँ
छोड़ दिया मैंने जग का मोह,
बहाने दिए मैंने सौ,
निकल पड़ी अपने घर से।
छोड़ दिया डर अपने मन से।
चाहे कोशिश लाख करो,
बांध सकोगे न मुझे इस बार।
गुज़ारिश है मुझे माफ़ करो,
जाना है अबकी बार उस पार।