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Gayatri Kalkal

Inspirational

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Gayatri Kalkal

Inspirational

धरा पुकारती

धरा पुकारती

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धरा तुझे पुकारती आ जाओ हिंद के भारती।

कर लो आज इस यज्ञ की तुम आरती,

श्रीकृष्ण हैं जिसके सारथी,

ब्रह्म की हो तुम श्रेष्ठ कल्पना,

सिंह सी करो तुम आज गर्जना,

वीण सी रखो तुम तर्जना।

अर्जुन सा तुम्हे है मीन पर लक्ष्य रखना।

वीरों की इस धरा पर हो तुम सर्जना,

वज्र सा सीना तुम्हें है करना।

धरा तुम्हें है पुकारती,                 

आ जाओ हिंद के ए भारती।

अभिमन्यु सा तुम्हें है चक्र को भेदना।

संकटों से नहीं है आज तुम्हें हारना।

पीछे नहीं है हटना, हिमालय सा है तुम्हें डटना।

बढ़े चलो, बढ़े चलो, बढ़े चलो ,          

यहीं है मन में रटना।

धरा तुम्हें पुकारती आ जाओ हिंद के भारती



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