हिन्द के जवान
हिन्द के जवान
हिन्द के जवान, देश को है तुझ पर मान ।
किया तूने अपना जीवन देश के नाम।
तू है इस देश की बगिया का माली,
सीमा पर तैनात हो खड़ा करता है रखवाली।
हिमालय सा खड़ा है बनकर देश की शान। तेरे पक्के, मजबूत इरादों ने दुश्मन के छुड़ाए छक्के।
तूने दुश्मन की ज़मीन पर किए हैं उसके दांत खट्टे।
जल, थल, वायु तीनों ने तुझे है माना,
तेरी मेहनत से परिचित है जमाना।
तेरी खाकी वर्दी ने आतंकियों को खाक में मिलाया है।
हर बार तेरे साहस ने देश का गौरव बढ़ाया है।
दिल में देशभक्ति और हाथ में तिरंगा उठाया है।
हिन्द के जवान,देश को है तुझ पर मान।
जब -जब देश पर संकट के बादल छाए,
तब -तब तेरे जैसे लाल सामने आए।
खुद का लहू बहाकर भी तू मुस्कुराया।
तूने अपनी मां के दूध का कर्ज़ चुकाया।
तेरी मां की कोख को प्रणाम,
जिसने तेरे जैसे लाल जहां में लाए।
तेरी शहीदी पर अश्रु रोक श्रद्धासुमन चढ़ाए।
बहन तेरी ने राखी पर तुझे याद करके सोचा होगा कि तेरे प्राण देश के काम आए।
उस साहस को बारंबार प्रणाम।
हिन्द के जवान, देश को है तुझ पर मान।
