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Gayatri Kalkal

Children Stories

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स्वरों की कहानी

स्वरों की कहानी

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आज सुनाती हूं आपको स्वरों की कहानी,

ना इसमें कोई राजा ना कोई रानी,

ना कोई परी, ना कोई राक्षस,

ये तो है स्वरों की कहानी।

अ ने बोला मैं व्यंजनों को देता हूं बल,

आ बोला मैं मात्रा बनकर शब्दों का अर्थ बदल देता हूं।


इ , ई ने बोला मैं भी बहुत सारे शब्द बनाऊं,

उ से उल्लू और ऊ से ऊन कहलाऊं।

ऋ से ऋषि बनकर सच्चा ज्ञान कराऊं।

ए से एड़ी और ऐ से ऐनक आंखों पर लग जाऊं।

ओ से ओखली, औ से औरत सहनशीलता की पहचान दिखाऊं।

अं से अंगूर खट्टा -मीठा स्वाद दे जाऊं।

इनके साथ साथ व्यंजनों का ज्ञान कराऊं।

इन सब को पढ़कर अंत में,

ज्ञ से ज्ञानी सबको बुद्धिमान बनाऊं ।

ये है स्वरों की कहानी उन्हीं की जबानी,

ये है स्वरों की कहानी।


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