धनवान
धनवान
आप अपनी अपार संपदा से ज़रूर
बाह्य रूप से धनवान बन पाएंगे,
मगर "मन" सबसे बड़ी संपदा है,
आप अपने अंतर्मन से धनवान बनिए...
इस दुनिया की
सारी दौलत आपकी होगी,
अगर आप अपने
ज़ुबान के पक्के बनेंगे।
केवल बातों में ही
खो जाने से
जीवन का किनारा
नहीं मिलता...
यहाँ कर्मयोग को
अपना जीवनाधार बनाइये...
और सच्चा सुख पाइए ।
