STORYMIRROR

DHANSHRI KABRA

Inspirational

4  

DHANSHRI KABRA

Inspirational

धैर्य

धैर्य

1 min
259


टूटे बिखरे सपनों को एक उम्मीद की किरण से ही जोड़ा जा सकता है,

धीरे धीरे सवेरे उगनेवाले सूरज की रोशनी से ही गहरे अंधेरे से निपटा जा सकता है।

खुद पर यकीन कर हौसलों से कठिनाइयो भरा पहाड़ तोड़ा जा सकता है,

तिनका तिनका आशप्रद रेत को जतन कर सफलता के शिखर को उभारा जा सकता है।

फ़िक्र की चादर को विश्वास की तरंग से ही ढका जा सकता है,

कद कद गिर संभलकर जिंदगी रूपी रणभूमी को कर्मभूमी में बदला जा सकता है।

सफलता विफलता के मेल जोल को मकड़ी - चिट्टी से सीखा जा सकता है,

धुंधली - धुंदली अनुभूतियों के स

हारे ही बेरुखे रास्ते चल मंजिल को पाया जा सकता है।

संतुलन की इस परीक्षा को अनुशासन बद्घता से उत्तीर्ण किया जा सकता है,

हल्की हल्की सकारात्मकता से ही मुश्किलों को किनारे लगाकर विजय को प्राप्त किया जा सकता है।

आनंदी जीवन की अभिलाषा को शांत निश्चल अंतर्मन से पाया जा सकता है,

लम्हें लम्हें कार्यपुर्ण इंतजार से ही स्थिर मंजिल को पाया जा सकता है।

उतार चढ़ाव भरे जिंदगी के रास्तों को सकारात्मक ऊर्जा से समझा जा सकता है,

पल पल बढ़ने वाले धैर्य से ही ऐ बंदे वक्त की इस दौड़ में वजूद बनाया जा सकता है।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational