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DHANSHRI KABRA

Abstract Classics Inspirational

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DHANSHRI KABRA

Abstract Classics Inspirational

विश्वास

विश्वास

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जबसे संभले है तभी से सीखते आए हैं, 

भरोसा एक चमत्कारी नींव है,

जो पत्थर में भी जगत रचेता को ढूंढ ले,

विश्वास तो प्रेरणा है,

जो रिश्तों की खूबसूरती को एक अनजानी डोर से बांध ले,


भरोसा तो दुआ है,

जो अपनों के साथ से जिंदगी की उदासी को भगा दे,

विश्वास तो तकाद है,

जो जान छिड़कने वाले दोस्तो की यारी से जीने का सहारा दे,


भरोसा वो अच्छाई है,

जो सच्चे रिश्तों और प्यार से जीवन में मिठास भर दे,

विश्वास वो हुनर है,

जो चांद सितारों को छूने वाले ख्वाबों को जीने की आस दे,


भरोसा वो छोटा सा शब्द है,

जो खो जाए तो पुरी जिंदगी ना मिले,

विश्वास वो समझ है,

जो समझकर आत्मसात करने में बरसों लगे,


भरोसा वो एहसास है,

जो रिश्तों से मित्रता कर नसीब खिला दे,

यकीन तो इन सभी पर आज भी हमें है,

पर फिर भी क्यू कुछ शिकवे है,


विश्वास वो विष है, जो ना रहे तो

किस्मत से मिले रिश्तों का दम घोट दे,

विश्वास वो दर्द है, जो बरसों संभाले

दिल के अरमानों को तोड दे,


भरोसा वो खिलौना है,

जो टूटे तो ख्वाबों के अनगिनत टुकड़े फैला दे,

लाख शिकवे होगी मगर एक बात तो पक्की है,

भरोसा वो संजीवनी है, जो जिंदगी को खुले हाथों से

खिलखिलाकर जीने का मौका दे।


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