जब ख्याल आया
जब ख्याल आया
जब खयाल आया तो साथमे नया ख्वाब आया,
जब सवाल आया तो अपनी ही गहराइयों में
जवाब भी पाया,
बूंदों भरी आंखों के समंदर के सामने
उन्हीं ख्वाबों की धुंधली तस्वीरों को पाया,
साथमे उस धुंदलाहट को शीशेसी चमक देने का
जस्बा अपनोंसे विरासत में पाया,
उसी जस्बेसे आगे बढ़कर तजुर्बों भरी राह पर
इम्तहान देने का हौसला भी पाया,
उसी हौसलेने मंजिल तक पहुंचने का
इन लड़खड़ाते कदमों को संघर्षों भरा जहान बताया,
इसी जहान में कठिनाइयों भरी राह में सितारों को
निखारकर दिखाने वाले आसमान को छूने का इरादा भी पाया,
उसी इरादे ने मेहनत से चमकने वाली मंजिल को
निखारती दिशा को भी दिखलाया !