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Ruchika Rai

Abstract

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Ruchika Rai

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धैर्य

धैर्य

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थाम लो धैर्य का दामन,

इम्तिहान जीवन पथ में पड़े हैं।

जो छोड़ दिया धैर्य को,

जीवन में लोग संकट बड़े हैं।


उलझनों को सुलझाने का

एक सिरा थाम लो।

धैर्य रखो तुम सदा ही,

नही कभी हार मान लो।


धैर्य से दुष्कर पथ के

अवरोध सारे दूर होंगे।

धैर्य तुम्हारा देख कर सदा

ईश्वर भी मजबूर होंगे।


धैर्य रखो सदा ही तुम

रिश्तों को निभाने में।

नही बेचैन हो तुम कभी

जब दिल दुखे नादानी में।


धैर्य रखता जब मनुज

लक्ष्य पर टिकती नजर।

बेचैनियों बेकलियों से

अवरुद्ध होते पथ डगमग।


बस यही गुजारिश सदा

धैर्य का दामन न छूटे।

भले ही साँसों की डोर

लेकर हम प्राण छूटे।


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