देश प्रेम
देश प्रेम


देश प्रेम से बढ़कर जग में,
प्रेम न कोई दूजा है।
मेरे लिए मेरा वतन है ईश्वर,
वतन ही मेरी पूजा है।
होंगे हम क़ुर्बान वतन पर,
आँच नहीं आने देंगे_
सामने गर आएगा दुश्मन,
ज़िन्दा नहीं जाने देंगे।
देश प्रेम से बढ़कर जग में,
प्रेम न कोई दूजा है।
मेरे लिए मेरा वतन है ईश्वर,
वतन ही मेरी पूजा है।
होंगे हम क़ुर्बान वतन पर,
आँच नहीं आने देंगे_
सामने गर आएगा दुश्मन,
ज़िन्दा नहीं जाने देंगे।