देश के रंग अनेक
देश के रंग अनेक
बहती समुंदर के किनारे बहुत हैं,
चारों तरफ घूम कर देखो नजारे बहुत हैं,
यहां डूबते हुए को बचाने के लिए,
एक तिनके के सहारे बहुत हैं।
अमीरों की बस्ती में बेसहारे बहुत हैं,
गरीबी के नाम पर गवारे बहुत हैं,
चमक जाते हैंं जो अपने कर्मों से,
ऐसे ऐसे सितारे भी बहुत हैं।
सड़कों पर घूमते अवारे बहुत हैं,
बिना ब्याह के कुवारे बहुत हैं,
घूमते हैंं खुली सड़कों पर गुंडा गर्दी करते हुए,
ना जाने कितने भेड़िए देश में हमारे बहुत हैं।
