देश के भीतर देशद्रोही
देश के भीतर देशद्रोही
शब्दों का मुलम्मा चढ़ा रखने
वालों का आज नकाब उतर गया
देश के भीतर देशद्रोही है
ये आज पता चल गया
शब्दों का जाल बिछा बिछा कर
गुमराह जो करते रहे
दुश्मनों का साथ देकर
हौसला उनका बढ़ा रहे
निहायत ही बेशर्मी से
इसे खोखला कर रहे
बेनकाब होकर भी आज मुस्कुरा रहे।
लाठी डंडों से इन्हे सुजा दें या फिर
बालाकोट सा इन्हें उड़ा दें।
