STORYMIRROR

Dr.Sangeeta Sharma

Tragedy

3  

Dr.Sangeeta Sharma

Tragedy

दुश्मन लगाये घात है

दुश्मन लगाये घात है

1 min
254

देश के तेवर देखिए

नए नए फैशन देखिए

किसी को कुछ नहीं करना है

बस देना रोज धरना है


लोगों को बरगलाएंगे

कश्मीर को हथियाएंगे

दिल्ली को दहलाएंगे

असम को अलग करवाएंगे


न तरक्की किसी की चाहेंगे

हिंदू-मुसलमान को लडवाएंगे

हिंदू कि दाढ़ी या मुसलमान की दाढ़ी

कैसे पहचान पाएंगे जब लोग

चेहरे में चेहरा छिपाएंगे


ये कैसा शाहीन बाग है

जहां दुश्मन लगाये घात है।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy