देख रहा भगवान
देख रहा भगवान
चार दिनों का अपना जीवन
संभल कर चल इंसान
सब कुछ देख रहा भगवान
पैरों से चिंटी को कुचल दिया
गाय पर हाथ उठाया ये, क्या किया
हाय, पेड़ भी तूने काट दिया
देख ! अब वो रोता है सुनसान
सब कुछ देख रहा भगवान
नारी ने सबको जन्म दिया
उस पर ही अत्याचार किया
नारी से पुरुष पति बने
नारी से बनता भाई है
अबला न समझ इस नारी को
वो शक्ति है दुर्गा माई है
गर्भ में न ले उसकी जान
सब कुछ देख रहा भगवान
तूने झूठ बोला किसने देखा
मन से गलत सोचा किसने देखा
ऐसे भ्रम मत पाल
क्योंकि कण-कण में है भगवान
सब कुछ देख रहा भगवान।