देख लूँ!
देख लूँ!
बड़ा कठिन है संघर्ष,
बड़ी उन्नत है मुश्किलें।
हौसला नहीं फिर भी पस्त-2
ज़रा चुनौतियों को मैं
ध्वस्त करके देख लूँ
रोज़ तिल तिल के
ज़िन्दगी में मिलती मौत से,
एक बार तो सही
ज़रा मरकर देख लूँ।
कामयाबी भी
मेरे दर चली आएगी,
वक़्त के तूफानों से
टकराकर देख लूँ।
बेगैरत नहीं कि
हाथ फैला दूं फ़कीर से
बेख़ौफ़ हूँ मैदान में
उतर कर तो देख लूँ।
मुश्किलें लाख
डिगाती है पथ से,
ज़रा मैं ज़िंदादिली से
आगे बढ़कर देख लूँ।