पथ से पग हैं अपरिचित...। पथ से पग हैं अपरिचित...।
उन हाथों में ऐश -ओ- आराम की लकीर नहीं होती। उन हाथों में ऐश -ओ- आराम की लकीर नहीं होती।
ज़रा मैं ज़िंदादिली से आगे बढ़कर देख लूँ। ज़रा मैं ज़िंदादिली से आगे बढ़कर देख लूँ।
ये वक्त सिखाता गया और हम सीखते गये समझौता करना हालात से, समझते गये। ये वक्त सिखाता गया और हम सीखते गये समझौता करना हालात से, समझते गये।