देख कर अनदेखा ना करो ...
देख कर अनदेखा ना करो ...
तुझे आज सामने देख कर भी जाने क्यों
अनदेखा कर रहे है,
आँखों से अश्क बह रहे है फिर भी मुस्कुरा रहे है ,
तेरे करीब जाने से भी डर रहे है खुद को
तुझ से दूर रखने की कोशिश किये जा रहे है,
कहीं चेहरे को हमारे ना तू पढ़ ले कहीं दर्द
हमारा ना तुझे दिखाई दे जाए,
अपने दर्द को अपने अंदर ही रखना चाहते है,
कहीं तेरे करीब आने से ये सैलाब बन कर ना बह जाए,
बहुत मुश्किल से हम खुद को रोक रहे है,
तेरे करीब होने से मन खुश तो बहुत है बेचैनी सी मन के अंदर है,
तुझे खो ना दे हम किसी मोड़ पर ये डर आज सता रहा है,
तुझसे जुदा होकर जी ना पाएंगे तुझे अपने
ग़मों की खबर नहीं लगने देंगे,
देखकर भी तुझको अनदेखा किये जा रहे है,
माफ करना मेरे हमसफ़र मेरे हमराज़
हम तुझसे नहीं खुद से भी आज खफा खफा है ।