डूबते हुये सूर्य के पुजारी हम
डूबते हुये सूर्य के पुजारी हम
यूँ तो हम भी हैं
डूबते हुये सूर्य के पुजारी
शुक्रगुजार दिन भर की रौशनी के।
डालकर आंख उसकी आंख में
विदा करते हुये उसे
नमन करते हैं।
कितना दिलचस्प है
हमने उसकी उपस्थिति में ही
उसकी अनुपस्थिति में
सब कुछ देखने का
हुनर सीखा है
और यह भी जानते हैं
उसके डूबने के बाद के अंधेरे की
मुख्य वजह हमारी
आंख का बन्द होना होता है,
और जब भी हमारी
आंख खुलती है
सारा संसार जगमग ही रहता है
रौशनी में डूब हुआ।