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Dr J P Baghel

Inspirational

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Dr J P Baghel

Inspirational

डर है

डर है

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कसर कहीं उनके अंदर है,

जिनको अनहोनी का डर है।


डरे हुए हैं जो भीतर तक,

उनको ही शक भूतों पर है।


सबको कहां दीखता चेहरा,

जो कि मुखौटे के भीतर है।


डर की खबर वहीं से फैली,

अंधकार का जहां असर है।


डरा रहा है जो हम सबको,

उसको भी हम से ही डर है।


डर भी नहीं हमेशा रहना, 

डर की भी तो एक उमर है।


दिया जलाओ पता चलेगा,

क्या भीतर है क्या बाहर है।


आओ चलो जुटाओ हिम्मत,

डरा रहा है वह कायर‌ है।


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