डोर
डोर
जीवन की डोर कमजोर मगर है
दृढ़ रह कर इसको थामो ना
अजब वक्त है गजब है राहे
उद्वेग छोड़ कुछ इन पर चल कर देखो ना
अपनों की परवरिश अपनों का प्यार
मिलता नहीं बारंबार
जितना पाया उस थोड़े को बांट कर देखो ना
क्या खोया क्या पाया अब यह सब तो छोड़ो ना
जीवन की डोर कमजोर मगर है
दृढ़ रह कर इसको थामो ना
अजब वक्त है गजब है राहे
उद्वेग छोड़ कुछ इन पर चल कर देखो ना
अपनों की परवरिश अपनों का प्यार
मिलता नहीं बारंबार
जितना पाया उस थोड़े को बांट कर देखो ना
क्या खोया क्या पाया अब यह सब तो छोड़ो ना