डियर क्रश
डियर क्रश
आज मैं दूर सही तुझसे, पर तुम हमेसा मेरे पास हो।
कैसे बताऊँ मैं तुझको, कि तुम मेरे लिये कितनी खास हो।
तुम्हे पता न होगी अपनी किमत, या शायद जानती भी हो।
पर मेरे लिये, तुम बेहद ही बेसकिमती हो।
मेरे हर मुस्कान हर सादगी में हो।
ये कुदरत का कोई करिश्मा है, शायद !
कि तुम मेरी जिन्दगी में हो।
जिन्दगी से बस यही आस है, खुदा से बस यही अरदास है।
मैं सो जाऊँ तुम्हारे गोद में, तू अपने हाँथों से मेरे बालों को सहलाती रहे।
कभी हो जाऊँ जिन्दगी से परेशान, तो तू आपनी बातों से मुझे बहलाती रहे।
भीगी - भीगी सडकों में, हाँथों में हाँथ लिये चलते रहें।
भीग कर बारिस में इश्क़ की आग में जलते रहें।
लबों से कुछ न बोलना, नज़रों को नज़रों से बात कहने देना।
सुन लेना धड़कनों को, दिल को दिल के राज कहने देना।
तमन्ना बस इतनी सी है, कि जब तुम लड़खड़ाओ,
तो तुम्हें थामने वाले हाँथ मेरे हों।
जब तुम रुठ जाओ, तो तुम्हें मनाने वाले अल्फाज़ मेंरे हों।
जिसमे खो जाओ, वो सारे ज़ज्बात मेंरे हों।
जिसे सोंचकर तुम मुस्कुराओ, वो सारे याद मेंरे हों।
जिसमें सर रख के तम्हें सुकून मिले, वो कन्धों का सहारा मेंरा हो।
जिसे देखकर तुम्हारा चेहरा खिले, वो प्यार भरा नज़ारा मेंरा हो।
तुम्हारी प्यार भरी बातों को, सुनने वाले वो कान मेंरे हों।
जो हर घड़ी तुम्हें मांगे खुदा से, वो सारे दुआ सारे अरमान मेंरे हों।
इश्क़ की राह में तुम मुझे छोड़ जाना नहीं ।
तन्हा हो जाऊँगा तुम बिन, तुम मुझसे अपना मुह मोड़ जाना नहीं।
तुझे पाने की कोशिशें मेरी भी पूरी है,
क्योंकि जिन्दा रहने के लिये सांसों के साथ, मुझे तू भी तो जरुरी है।

