दायित्व
दायित्व
जब भी समय मिलता
मैं अपने परिवार को देता
परिवार है जिम्मेदारी
यह फर्ज निभाना है जरुरी ।१।
जब भी समय मिलता
मैं अपने भगवान को देता
भगवान है कर्ता-धर्ता
यह प्रार्थना मेरी सुनता ।२।
जब भी समय मिलता
मैं अपने समाज को देता
समाज के प्रति दायित्व
इस दायित्व का है महत्व ।३।
जब भी समय मिलता
मैं अपने देश को देता
देश के प्रति कर्तव्य
इस कर्तव्य का है महत्व ।४।
परिवार, समाज या हो देश
जीवन में समय का यही उद्देश्य
अपने समय का महत्व जानो
अपने मूलभूत दायित्व को पहचानो ।५।