दादी का खोया मोबाइल
दादी का खोया मोबाइल
आज दादी ने हल्ला मचाया है मोबाइल फोन जो उनका खो गया है
बहुत गुस्सा वह हो गई है
इधर उधर सब जगह ढूंढ रही है
साथ में हल्ला मचा रहे हैं
छोटे बच्चे मंद मंद मुस्कुरा रहे हैं
क्योंकि वह उन लोगों ने ही मोबाइल छुपाया है
क्योंकि दादी उनके साथ नहीं खेलती
दिन भर अपने फोन में लगी रहती
इससे बच्चों ने रास्ता निकाला उनके मोबाइल को छुपाया
जब बहुत परेशान हो गई
तब बड़े पोते ने आकर उनको विश्वास दिलाया
हम आपका फोन ढूंढ लेंगे, मगर खेलना होगा
आपको हमारे साथ खेल दादी पहले गुस्सा हुई
इस मोबाइल के बिना मेरा काम नहीं चलता
कहां खो गया क्यों नहीं मिलता ना नुकुर करने लगी
फिर उनको कोई रास्ता नहीं मिला तो डाल दिए हथियार
सोचा नहीं मिल रहा है तो चलो यही सही
और वह बच्चों के साथ खेलने लगी
सभी बच्चों की हंसी फूटी
सब एक दूसरे की आंखों आंखों में देख रहे थे,
इशारों इशारों में बातें कर रहे थे
दादी ने वह सारे देख लिए
सारे माजरा समझ लिए
सब बच्चों के पीछे पड़ गई उनकी अच्छी शामत आ गई
थोड़ी
डांट के बाद सब को गले लगा कर हंसते हुए उन्होंने एक फैसला सुनाया
मैं एक घंटा तुम्हारे साथ खेलूंगी
तुम मेरे फोन से छेड़छाड़ मत करना क्योंकि मेरा फोन मुझको है प्यारा
जिसमें मैं देखूं मेरा मनपसंद प्रोग्राम प्यारा
भजन रामायण चौपाई सब कुछ है इसमें आता
मेरा मन इस सब में लग जाता
अब मैं अपना समय तुम्हारे साथ भी बताऊंगी
मगर तुम मेरे प्यारे फोन को अब कभी ना छुपाना
नहीं तो मैं तुमसे रूठ जाऊंगी
और फिर मैं तुम्हारे साथ ना खेल पाऊंगी
बच्चों ने सहर्ष बात को मान लिया
कभी ना मोबाइल छिपाने का वादा उन्होंने कर लिया
अब दादी भी खुश और बच्चे भी खुश
