चरित्र निर्माण
चरित्र निर्माण


मनुष्य एक सामाजिक प्राणी
सदा मधुर हो उसकी वाणी
इन दो गुणों से उसकी पहचान
पहली "नैतिकता" और दूसरा "ज्ञान"।
सबसे बढ़कर नैतिक व्यवहार
अच्छा चरित्र और सदाचार
अगर करेंगे इनके लिए प्रयास
तभी तो होगा सर्वागिण विकास।
संस्कारों से जोड़े नैतिकता
परंपराओं की यह वास्तविकता
अनुशासन का पाठ पढ़ाती
गलत प्रवितियों से दूर रहना सिखाती ।
नैतिक मूल्यों के अनेक अध्याय
दया, निष्पक्षता, राष्ट्रीयता
सभी इसमें समाए
समयबद्ध और सहिष्णु यह बनाते
सही और ग़लत का भेद बतलाते ।
आज माता पिता कर रहे शिकायत
बच्चे संस्कारहीन और नालायक
कहते टीवी और फिल्मों का यह प्रभाव
अरे...यह तो नैतिक मूल्यों का अभाव।
अगर नैतिकता से पूर्ण हो हमारे कर्म
तो बच्चे भी करते इसका अनुसरण
फिर वह भी करेंगे उच्च आदर्शों के काम
और रौशन होगा "भारत" का नाम।
परन्तु स्थिति तो कहती कुछ और
क्यूँ है हर तरफ अहंकार का शोर
"माफ़ी" मांगने में घटती है शान
लेकिन बहस करके क्या लगते महान??
बलात्कार, डकैती, लूटपाट और धूम्रपान
क्या यही है आधुनिकता का विज्ञान
यदि करना है हमें देश का निर्माण
तो नैतिक मूल्य ही एकमात्र समाधान।
नैतिक मूल्य तो सफलता की सीढ़ी
इनसे ही बनेगी एक प्रखर पीढ़ी
सरल हो इनसे आपकी जीवन साधना
यही इस लेखिका की दिल से प्रार्थना।