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ARVIND KUMAR SINGH

Abstract

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ARVIND KUMAR SINGH

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चोंच पे चोंच धरें

चोंच पे चोंच धरें

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मिल बैठे बन कर चिड़ा चिड़ी

हमको समय मिल गया इतना

पूरी जिंदगी हम समझ सके न

कोविड काल में समझे जितना


सीखा हमने बेहतर है करीबी

एक हो जाऐं और प्यार करें


गुफ्तगू का मिला है मौका 

हम प्यार भरी बातें कर लें 

कल का दिन आये न आये

ऐक दूजे को बांहों में भर लें


दूर दूर रहने से अच्छा हम

मिल बैठें और प्यार करें


टकराव से कुछ मिला नहीं

रिस्तों की कड़वाहट दूर करें

पल दो पल प्यार से रह कर

जीवन साकार भरपूर करें


मुंह फुलाकर दूरी से अच्छा

एक हो जाऐं और प्यार करें


लिपट के बैठें एक चादर में

अपने बीच की दूरी दूर करें

ऐसा मौका मिले न मिले

आ जाओ चोंच पे चोंच धरें


दूर दूर रहने से अच्छा हम

मिल बैठें बस प्यार करें।


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