चलो हम सब मिलकर यह कसम खाए
चलो हम सब मिलकर यह कसम खाए
मिल-जुलकर रहेंगे हम सब भाई - भाई
हिंदू-मुस्लिम, सिख ईसाई ..!
भ्रष्टाचारियों की ..होगी यहाँ पिटाई
दहेज़ लेकर न होगी यहाँ सगाई !
चलो हम सब मिलकर यह कसम खाए..
ना कोई यहाँ भिखारी, ना कोई भूखा होगा
सबको मिलेगा रोटी, कपड़ा और मकान !
सबको काम यहाँ ना कोई बेकार होगा
आपसी द्वेश विवाद मिटेंगे कानून से !
चलो हम सब मिलकर यह कसम खाए...
हर मुश्किल काम आसान करना आता है हमे
नेकी, ईमानदारी तो हमारी रग - रग में है !
असमान की बुलंदी को छू ही लेंगे हम ..
भारतवर्ष को फिर से स्वर्ग बनाना है !
चलो हम सब मिलकर यह कसम खाए...