चले चलो
चले चलो
थोड़ा लंबा हो या बहुत
नापो मत चले चलो
ऊबड़ खाबड़, पथरीले सही
डरो मत, चले चलो
छोटा जल्दी का सफर ठीक नहीं
लगता है पास किन्तु
मृगमरीचिका की तरह
हो जाती है मंज़िल
जो मिलती ही नहीं
बचो मत, चले चलो
अनुभव, ज्ञान, समझ से सीखते हुए
बहने दो पसीना,
लगने दो ऐड़ी चोटी का जोर
थको नहीं, चले चलो।