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MS Mughal

Abstract

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MS Mughal

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चले आते है

चले आते है

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बज़्म ए शमअ में परवाने चले आते हैं  

सौज़ ए शमअ रू दीवाने चले आते हैं  


मस्तो की भीड़ में मस्त निगाह परी पैकर

दीदार ए हुस्न ए परी मस्ताने चले आते हैं  


कूचा ए दिलरुबा पूर खुमार ए जाम में

लज़्जत ए जाम को मयखाने चले आते हैं


ज़ौ फ़गन ए हुस्न ए फबन रू ए खूब रू 

रूबरू ए सनमआं सनमखाने चले आते हैं


लाला ओ गुलज़ार में तन्हा बुलबुल हसन 

गुलज़ार में वोह गुल महकाने चले आते हैं।  



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