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Ajay Prasad

Drama

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Ajay Prasad

Drama

चल नहीं पाया

चल नहीं पाया

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अपने ही मेयार पे चल नहीं पाया

जमाने की सोंच मैं बदल नहीं पाया।


हरबार हमने थे तय किये कुछ बातें

कर किसी पर भी अमल नहीं पाया।


लाख की हमने कोशिशें टालने की

मगर बला कोई भी टल नहीं पाया।


यूँ गिरे औंधे मुँह ठोकर से इश्क़ में

जिंदगी में अब तक संभल नहीं पाया।


अरमान मेरे दिल में छटपटाते रह गए

मगर यारों एक भी निकल नहीं पाया।


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