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Neerja Sharma

Inspirational

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Neerja Sharma

Inspirational

चकाचौंध रात

चकाचौंध रात

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प्रकाश व अँधेरा प्रकृति के अद्भुत रुप

सूर्य ,चंद्रमा ,सितारे हैं इसके स्वरूप।


जो इस स्वरुप को मन में बसा गया 

वह जीवन का सार खुद ही पा गया ।


 जो देखकर भी नहीं देखते उनका क्या !

अँधेरे की सुंदरता बयां करता जिसने न देखा जहाँ।


अँधेरे मन में कुछ इतना गहरा गए हैं

रोशनी में भी सब काले नज़र आ रहे हैं।


डर की परतों पर परतें चढ़ी हैं

अच्छों में भी बुराई दिख पड़ी है।


विश्वास अब किसी पर नहीं रहा 

अँधेरा मानों सब कुछ हर गया ।


मन की आखों को कोई रोशनी दिखा दे

जिंदगी शायद थोड़ा फिर मुस्कुरा दे ।


यह तो प्रकृति का अकाट्य नियम है 

प्रकाश का आना अँधेरे का जाना है ।


ज्ञान का प्रकाश इतना पा लो

अज्ञानता का अँधकार मिटा लो।


कोई अंधेरा न फिर डरा पाएगा

मन स्वयं प्रकाशमय हो जाएगा ।


प्रकाशित मन फिर फैलाएगा प्रकाश

संसार का अँधकार दूर हो ये सबसे आस।


विश्वास की जोत फिर जलाते जाएगें

धोखा -फरेब अँधेरे में डूब जाएँगें।


जिंदगी के टेढ़े मेढ़े रास्ते भी दोस्तों

मन की आँखों के प्रकाश से पार हो जाएँगे।


इसी लिए कुदरत ने चाँद सितारे बनाए हैं

अँधियारे में हर चेहरे पर मुस्कुराहट लाए हैं।


कुछ प्रकृति का साथ कुछ विज्ञान की करामात

अँधेरे में भी जीवन अब चकाचौंध है हर रात।


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