चिंतन
चिंतन


चिंतन इतना भी सुन लो गहन मत करो।
हद से ज्यादा कुछ हो तो सहन मत करो,
कि हो न जाये कहीं पत्थर ये दिल मेरा,
दिल पर मेरे इतना भी वजन मत करो।
सोच लो समझ लो जितनी मर्ज़ी तुम्हारी,
छोटे से दिमाग में इतना मनन मत करो।
खुल के बता ही दो मोहब्बत की कहानी,
आँखों ही आँखों में तुम दफन मत करो।