चिंगारी
चिंगारी
मैं खामोश
कोई कठपुतली नहीं।
ये ज़ुबान है मेरी,
जान लो कि,
ये लब आजाद है मेरे
इन्हीं लबों की चिंगारी से
तुम्हारा राख होना तय है।।
मैं खामोश
कोई कठपुतली नहीं।
ये ज़ुबान है मेरी,
जान लो कि,
ये लब आजाद है मेरे
इन्हीं लबों की चिंगारी से
तुम्हारा राख होना तय है।।