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Nikhil Kumkum

Inspirational

5.0  

Nikhil Kumkum

Inspirational

चिड़िया

चिड़िया

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हर दिन की भाँति आज भी

नीले अनंत के चमकीले

धब्बे की मुस्कराहट

हँसी में तब्दील हो रही थी।


मैंने नीले अनंत की ओर देख

अपना मुँह बनाया

क्योंकि उसकी

बीती रात की करतूत से,


जंगल की हर जड़ तर थी

मेरे शरीर में तेज कम्पन

उसके मकसद को

असफल करने की पहली जरूरत है।


कुछ तेज़ कम्पन के पश्चात

मेरे पर परवाज़ को तैयार हैं

और देखते ही देखते

मेरी नज़रों के सामने सब सतह है।


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