चिड़िया रानी
चिड़िया रानी
देखो सुंदर चिड़िया आई,मुख में दाना भर के लाईं
अपने बच्चों को दाना दे,मन ही मन चिड़िया हरषाई
चुन्नू मुन्नू गप्पू आओ, इनके सँग मस्ती कर जाओ,
कितनी चिड़िया डाली पर है, तुम ये गिन गिन कर बतलाओ।
तीन चार पाँच सात छह दस, उतरी सब मेरी अँगनायी
चींचीं कर बोली ये चिड़ियां, हमको ये फुलवारी भायी
देखो सुंदर..।
कितने कितने दिन में सुनते, इनकी मीठी मीठी वाणी
कहाँ चली जाती हो तुम सब, कहाँ मिले है दाना पानी ,
पेड़ों पर मेरा घर सुंदर, माँ पंखों का आँचल छायी
माँ जब जब हमको दुलराती, खुशियों से जीवन भर पायी
देखो सुंदर..।
खेल 'उड़ी चिड़िया' का खेला, बचपन की यादों का रैला
रहे उड़ाते दिन ये आया, गुम होता चिड़ियों का मेला
लुप्त हुई प्रजाति अब इनकी, क्या ये जीवन की सच्चाई ,
पर्यावरण बचा ले जो हम, ये सब छत पर फिर मडँराई।
देखो सुंदर..।