Rushikesh Ade

Romance

5.0  

Rushikesh Ade

Romance

चेहरा

चेहरा

1 min
319


ये होठों की लाली 

ये आंखों का काजल

ये माथे पे बिंदीया

ये लहराता आंचल

दिल पर हमारे जो पहरा नहीं है

ये चेहरा तुम्हारा 'सिर्फ चेहरा' नहीं है।


मुकम्मल खुदा की

अगर कोई तस्वीर

तराशू कभी तो

तुम्हारे अलावा

कोई रंग उसमें सुनहरा नहीं है

ये चेहरा तुम्हारा 'सिर्फ चेहरा' नहीं है।


कई राज़ हाज़िर

है चेहरे पे तेरे

किताबों की तरह

कोई इनको पढले 

दिल इतना किसी का भी गहरा नहीं है

ये चेहरा तुम्हारा 'सिर्फ चेहरा' नहीं है।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance