थोडा ज़्यादा
थोडा ज़्यादा
1 min
108
जितना याद रहता है, उसका आधा लिख देता हूं
तेरे बारे में जो सोचता हूं, थोड़ा ज़्यादा लिख देता हूं
कि कैसे मेरी खुशी तेरे चेहरे से होकर गुजरती है
कैसे मेरी तन्हाई तेरे यादों से बातें करती हैं
तेरे साथ ज़िन्दगी बिताने का वादा लिख देता हूं
तेरे बारे में जो सोचता हूं , थोड़ा ज़्यादा लिख देता हूं।
तेरे होंठो से निकले लफ्ज़ मेरे दिल का रास्ता जानते हैं
महफ़िल में बैठे लोग मुझे तेरे नाम से पहचानते हैं
जिंदगी के शतरंज में खुदको प्यादा लिख देता हूं
तेरे बारे मे जो सोचता हूं, थोड़ा ज़्यादा लिख देता हूं।