चेहरा / मुखौटा
चेहरा / मुखौटा
चेहरा मन का आईना है कितना पाक सफीना है
खुदा की नेमत है यह जो खूबसूरत चेहरा मिला है
अंग्रेजी के रंग में तौर तरीकों को मनाने का ये
जो फैशन चल पडा है आज ,
रात के अंधेरे में मुखौटे लगाकर भला ये कैसा असभ्य नाच
नृत्य तो इक कला है उसे भी बेशक्ल कर रहे
अच्छे खासे चेहरों को जिने क्यों छुपाते फिर रहे
दूसरों से तो भले ही छुपा लोगे अपनी असलियत
पर खुद की नजरों से कैसे छुपा पाओगे अपनी शखसियत ।
