चैत नव वर्ष हरा भरा हो
चैत नव वर्ष हरा भरा हो
नव प्रभा भोर हो
नव तरंग शोर हो
नव सुधा नीर की
नव प्रयास धीर की
नव चन्द्र प्रकाश हो
नव देश विकास हो
नव जन कल्याण हो
नव विश्व गान हो
नव प्रणय निवेदन
नववर्ष प्रतिवेदन
नव चीर पीतांबर
नव नवल नीलाम्बर
नव ज्योत दीप का
नव नैन प्रीत का
नव वर्ष नील रस
नव नयन तीर बस
नव भारत सौर्य का
नव नृत्य मौर्य हो
नव शिला पाषण हो
नव गमन बाण हो
नव गगन के पार हो
नव धरा अवतार हो
नव जीवन आस हो
नव खग प्रवास हो
नव वंश वंशिका
नव वेद वेदिका
नव वर्ष सुलभ आस
नव प्रीत कंचन विकास।