चाँदनी
चाँदनी
आज भी लगता है उससे आशिक़ी सी है अभी
दिल में जो हसरत जगाती ज़िन्दगी सी है अभी।
प्यार मुश्क़िल से हुआ तुमको दिखाई ना दिया
अपनी तड़पन से पता कर क्या कमी सी है अभी।
सामने नज़रों के तुम थी आईना था दिल मेरा
ज़िन्दगी में मेरे अब तक रौशनी सी है अभी।
चाहतें उलझी है तुमसे ना बुझा पाया कोई
इस अँधेरी रात में भी चाँदनी सी है अभी।
चाँद आया था उतर के दिल का पैमाना भऱा गया
इस शहर की "नीतू" बारिश मयकशी सी है अभी।