STORYMIRROR

Vijay Kumar parashar "साखी"

Inspirational

2  

Vijay Kumar parashar "साखी"

Inspirational

चाँद तू पाक है

चाँद तू पाक है

1 min
162

चाँद तू बड़ा पाक है तुझ में चाहे दाग है

अंधेरी रातों में, दिखाता तू नाक है

बाकी सब सितारे, मुझे लगते खाक है

चाँद तू बड़ा पाक है आँखों का तू चाक है

जग के दरिया में, तू बड़ा तैराक है

कर्मवीरों को देता, कर्म की ताक है

जलो समय हो तब ,फ़िजूल न करो बात है

चाँद तू बड़ा पाक है हर धर्म के तू साथ है

मुसलमानों की ईद, तुझे देख मनती,

करवाचौथ का व्रत तेरी ही सौगात है

चाँद तू बड़ा पाक है दाग होकर भी बेदाग़ है



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational