चाँद तू पाक है
चाँद तू पाक है
चाँद तू बड़ा पाक है तुझ में चाहे दाग है
अंधेरी रातों में, दिखाता तू नाक है
बाकी सब सितारे, मुझे लगते खाक है
चाँद तू बड़ा पाक है आँखों का तू चाक है
जग के दरिया में, तू बड़ा तैराक है
कर्मवीरों को देता, कर्म की ताक है
जलो समय हो तब ,फ़िजूल न करो बात है
चाँद तू बड़ा पाक है हर धर्म के तू साथ है
मुसलमानों की ईद, तुझे देख मनती,
करवाचौथ का व्रत तेरी ही सौगात है
चाँद तू बड़ा पाक है दाग होकर भी बेदाग़ है