चांद और तारा
चांद और तारा
एक चांद एक तारा
दोनों का साथ है न्यारा
कोई नहीं है ज्यादा
कोई नहीं है कम
दोनों ने माना
है कोई भी नहीं कम
तारा चमक चमक
दिशा है दिखलाता
चांद अपनी रोशनी से
शीतलता है फैलाता
पर जिस दिन चांद
नज़र नहीं है आता
तारा फिर भी
अपनी चमक से
आकाश की सुंदरता है बढ़ाता।