चाहत
चाहत


चाहत तुम्हारी ऐसी कब मिल गई
पता ही नही चला।
आदत तुम्हारी कब इतनी लग गई
पता ही नही चला।
तुम बिन जिंदगी उदास लगने लगी
पता ही नही चला।
कब तुम हमारी जिंदगी बन गए
पता ही नही चला।
तुम्हारी हंसी सुकून देने लगी
पता ही नही चला।
तुम संग जिंदगी कितनी चली गई
पता ही नही चला।
तुमने कब हमारी निंद चुराली
पता ही नही चला।
जिंदगी हमारी बन गई चाहत तुम्हारी
पता ही नही चला।