लम्हे जिंदगी के।
लम्हे जिंदगी के।
बचपन की वह जिंदगी होती थी क्या?
न कुछ आगे की चिंता न भविष्यका ठिकाना।
ऐसे लम्हे जिंदगीके भूलाए न जाते।
माता की प्यारभरी गोद मे सोना।
पिता के संग ऊंगली पकडके घूमना।
ऐसे लम्हे जिंदगीके भूलाए न जाते।
मित्रों के संग संग वह मोहल्लेका खेल।
बहनके संग हमारा प्यारभरा मस्ताना।
ऐसे लम्हे जिंदगीके भूलाए न जाते।
बचपनका वह निर्दोष हास्यका खजाना।
मनमे कभी न ख्याल किसी नातजातका।
ऐसे लम्हे जिंदगीके भूलाए न जाते।
न पैसे कमाकर अमीर बनने की ईच्छा।
न किसी संग जीवनकी होती थी तुलना।
ऐसे लम्हे जिंदगी के भूलाए न जाते।
