STORYMIRROR

Sarita Saini

Romance

2  

Sarita Saini

Romance

चाहत दिल की

चाहत दिल की

1 min
206

कल तुम्हें सीने से लगाने को जी चाहा ,

होठों की प्यास बुझाने को जी चाहा ,

आँखों से ज़ाम पिलाने को जी चाहा ,

पर कर न सका मैं चाहत अपनी पूरी ।

तुम्हें अपनी और मुझे अपनी थी कुछ मजबूरी ,

दिल की तमन्ना मेरी रह गई अधूरी ।।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance